नई अफोर्डेबल हाउसिंग नीति आम लोगों का अपने मकान का सपना करेगी साकार: अमन अरोड़ा
New Affordable Housing Policy
नई नीति के अंतर्गत प्रोजैक्ट साइट के कुल क्षेत्र का बेचने योग्य क्षेत्र 62 प्रतिशत से बढ़ाकर 65 प्रतिशत किया
अफोर्डेबल कॉलोनियों को सभी मंजूरियाँ देने के अधिकार सम्बन्धी डिवल्पमैंट अथॉरिटी के मुख्य प्रशासक को सौंपे; रियल एस्टेट डिवल्परों को समयबद्ध ढंग से एन.ओ.सीज़. दिलाने में की जाएगी मदद
नई नीति राज्य में ग़ैर-कानूनी कॉलोनियों के रुझान पर लगाएगी रोक
चंडीगढ़, 22 फरवरी: New Affordable Housing Policy: पंजाब के आवास निर्माण एवं शहरी विकास मंत्री(Housing and Urban Development Minister) श्री अमन अरोड़ा ने कहा कि पंजाब अफोर्डेबल हाउसिंग पॉलिसी-2023(Punjab Affordable Housing Policy-2023), जिसको पंजाब के मुख्यमंत्री स. भगवंत मान के नेतृत्व वाले मंत्री मंडल द्वारा मंज़ूरी दी जा चुकी है, आम लोगों का अपना मकान बनाने का सपना साकार करने के साथ-साथ राज्य में रीयल एस्टेट सैक्टर(real estate sector) को बढ़ावा देने में अहम भूमिका निभाएगी।
यह नई नीति समाज के निचले-मध्यम एवं कम आमदन वाले वर्ग को किफ़ायती मकान मुहैया करवाने के लिए डिवल्परों की माँगों को ध्यान में रखकर बनाई गई है।
इस नीति के बारे में जानकारी साझा करते हुए श्री अमन अरोड़ा ने बताया कि गमाडा क्षेत्र को छोडक़र जहाँ नई कॉलोनी के लिए कम से कम क्षेत्रफल 25 एकड़ होना चाहिए, बाकी जगह पर प्लॉटों वाली कॉलोनियों के लिए कम से कम 5 एकड़ क्षेत्रफल निर्धारित किया गया है, जबकि ग्रुप हाउसिंग के लिए कम से कम क्षेत्रफल 2.5 एकड़ चाहिए। इसके अलावा इस नीति के अंतर्गत प्लॉट का आकार अधिक से अधिक 150 वर्ग गज तक और फ्लैट का आकार अधिक से अधिक 90 वर्ग मीटर तक निर्धारित किया गया है।
आम लोगों को सस्ती दरों पर प्लॉट मुहैया करवाने के लिए बेचनेयोग्य क्षेत्र को 62 प्रतिशत से बढ़ाकर 65 प्रतिशत किया गया है और प्लॉटों वाले क्षेत्र से गुजऱने वाली किसी भी मास्टर प्लान सडक़ समेत प्रोजैक्ट के कुल प्लॉट क्षेत्र पर बेचनेयोग्य क्षेत्रफल दिया जा रहा है।
उन्होंने बताया कि हरियाली अधीन कम से कम क्षेत्रफल साइट क्षेत्र का 10 प्रतिशत से 7.5 प्रतिशत निर्धारित किया गया है और ऐसे प्रोजैक्टों में अंदर वाली सडक़ों की कम से कम चौड़ाई 30 फुट होगी।
आवास निर्माण एवं शहरी विकास मंत्री ने बताया कि व्यक्तिगत प्लॉट मालिकों से बोझ घटाने के लिए साधारण कॉलोनी पर लागू होने वाले सी.एल.यू., ई.डी.सी. और लाइसेंस फीस को भी घटाकर 50 प्रतिशत या आधी कर दिया गया है, परन्तु गमाडा क्षेत्र में इन चार्जिज़ में कटौती लागू नहीं होगी।
श्री अमन अरोड़ा ने बताया कि अफोर्डेबल कॉलोनियों सम्बन्धी मंजूरियों की प्रक्रिया में तेज़ी लाने के लिए स्थानीय स्तर पर मंजूरियों के लिए सभी शक्तियाँ सम्बन्धित शहरी विकास अथॉरिटी के मुख्य प्रशासक को सौंप दी गई हैं।
श्री अमन अरोड़ा ने बताया कि आवास निर्माण एवं शहरी विकास विभाग अलग-अलग रेगुलेटरी अथॉरिटी जैसे कि पी.एस.पी.सी.एल., पी.पी.सी.बी. आदि के साथ बैठकें कर प्रमोटरों को समयबद्ध ढंग से एन.ओ.सीज़. प्राप्त करने में मदद करेगा और मंजूरियों सम्बन्धी मामलों के जल्द निपटारे के लिए उच्च स्तर पर नियमित निगरानी को सुनिश्चित बनाया जाएगा।
कैबिनेट मंत्री ने कहा कि यह नीति प्रमोटरों को अपनी कॉलोनियाँ निर्विघ्न ढंग से मंज़ूर करवाने के लिए प्रोत्साहित करने के साथ-साथ अनाधिकृत कॉलोनियों के निर्माण पर रोक लगाएगी, जिससे राज्य में रीयल एस्टेट के विकास को और बढ़ावा मिलेगा।
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